कुछ फौजियों ने दुश्मन के इलाके पर हमला किया तो एक किसान भागा हुआ खेत में अपने घोड़े के पास गया और उसे पकड़ने की कोशिश करने लगा, पर घोड़ा था कि उसके काबू में ही नहीं आ रहा था।
किसान ने उससे कहा, 'मूर्ख कहीं के, अगर तुम मेरे हाथ न आए तो दुश्मन के हाथ पड़ जाओगे।'
'दुश्मन मेरा क्या करेगा?' घोड़ा बोला।
'वह तुम पर बोझ लादेगा और क्या करेगा।'
'तो क्या मैं तुम्हारा बोझ नहीं उठाता?' घोड़े ने कहा, 'मुझे क्या फर्क पड़ता है कि मैं किसका बोझ उठाता हूँ।'